ब्लॉग आज दस वर्ष का हो गया है. एक दशक पहले इसी दिन ब्लॉग से दुनिया परिचित हुई. यह जॉन बर्गर का चलताऊ टर्म था- 'Weblog'. पीटर मेहौज ने इसे We+Blog में परिवर्तित कर दिया. कालांतर में यह Blog के रूप में हमारे सामने है.
विलियम्स ने इसका सोफ्टवेयर डेवलप किया. यह पहले Text-Based था. तस्वीर, विडियो ब्लॉग पर उपलब्ध नहीं था. ब्लॉग के स्वरुप में, लगातार परिवर्तन होता रहा. Photoblog, Moblog (Mobile Blog), Viblog (Vedeo-Blog) का भी स्वरुप सामने आया. 2001 में पहला ब्लॉग पोस्टिंग हुआ.
ब्लॉग अपने दस वर्ष के अल्पकाल में अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम बन चुका है.
व्यक्ति स्वतंत्रता के इस उछाल में ब्लॉग भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अतिरेक में जा फंसा. जो कुछ कहना है, वह कह डालना है. ब्लॉग पर खर्च हो रहा वक़्त, किसी विमर्श को जन्म देने में भले ही असफल रहा हो, पर मन के कोने में उमड़ती-घुमड़ती संवेदनाओं को ब्लॉग पर जबरदस्त स्पेस मिला.
ब्लॉग के दस वर्ष पूरे होने पर आपको 'निर्माण संवाद' की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं. ब्लॉग के दशक पूरा होने के साथ ही 'निर्माण संवाद' ने अपनी पोस्टिंग का शतक पार किया है. लेखों के इस शतकीय प्रहार ने बड़े पैमाने पर आप पाठकों को अपना भी बनाया है, और कुछ को अनचाहा दुःख भी दिया है. 'निर्माण संवाद', 'मत-भिन्नता' को आदर देता है, पर 'मन-भिन्नता' का पक्षधर नहीं. 'शाश्त्रार्थ' और 'शश्त्रार्थ' का अर्थ आप सुधी पाठक तो समझते ही हैं.
आपका गीत और आपकी गालियाँ प्रार्थनीय हैं. भारतीय संस्कृति में वक़्त पर दी हुई गालियाँ भी गीत बन जाती हैं. शादी में समधी को कितनी गालियाँ दी जाती हैं, आपको पता ही है.
अकारण गाये गीत भी कभी-कभी गाली बन जाते हैं. शादी ना सही, संवाद ही सही, आपकी गाली कतई बुरी नहीं लगती. आप अपना पुरस्कार समय-समय पर देते रहे, स्वागत है.
ब्लॉग पर मुझ जैसे कमीनो का होना भी जरूरी है. आपकी शराफत भी तो आखिर इसी कमीने के सापेक्ष में है. आप विद्वान भी तभी तक हैं, जब तक कि मुझ जैसा बेवकूफ जिन्दा है. मैं भी बेहतर बेवकूफों को तलाशने और तराशने में लगा हूँ, ताकि मेरी होशियारी स्थापित हो सके.
ब्लॉग के जन्मदिवस पर शुभकामनायें...
ब्लॉग आम-आवाम की आशा की किरण बने और इसकी वाणी सत्ता के गलियारे में भी गूंजे, इसकी आशा है.
हमारा शतक:
जून :-
जुलाई :-
अगस्त :-
- भारतीय जसवंत पार्टी???
- ऐसा क्या गुनाह किया कि लुट गए....
- गाँधी के लिए 'वध' शब्द क्यों? गोडसे की किताब पर प्...
- जयचंद, जिन्ना और जसवंत....
- मृग-तृष्णा....
- हे ब्लोगरों! यह बौद्धिक वैश्यावृत्ति कब तक???
- अपने सम्मान के लिए
- उम्मीद है शायद आप कुछ विचार अवश्य करेंगे....
- सुरेश चिपलुन्कर जी, मीडिया 'मनीवादी' और 'मनुवादी' ...
- हे ब्लोगरों! ना 'हिंदुत्व' अंतिम सत्य हैं, न 'इसला...
- बस, प्रसून जी, लालू की खामोशी विस्फोट के पूर्व का ...
- स्त्रियों को भी आज़ादी जीने का हक है.....!
- बोल उठ्ठेगी मेरी तस्वीर, वन्दे मातरम्. ..
- अब भी कहिये, क्या हम सब आजाद है?
- सुरेश चिपलुन्कर जी क्या चाहते है, मीडिया भगवान् का...
- बन्दर भी आज के आदमी का पूर्वज बनने को तैयार नहीं.....
- शरद पवार इस्तीफा दें....
- सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभका...
- पत्रकार कृष्ण कुमार उपाध्याय नहीं रहे..
- भावुक क्षणों में नेहरु दरवाजा लगाना भी भूल जाते थे...
- हे स्वतंत्रता! तुम किले से कब मुक्त होगी???
- आप स्वतंत्रता को किस मायने में जीना चाहते हैं??
- क्या कन्हैया को भी अब मुंह पर रुमाल रखकर यमुना को ...
- तिरंगा फहराए राष्ट्रपति और उतारे चपरासी...!
- यमुना की छाती पर विकास का तांडव
- जब पं. नेहरु, मेरी माँ के पास आते, हम बाहर निकल जा...
- दोधारी तलवार: कैसे बचेगी पूजा??
- खामोशी का अर्थ नहीं हम उनको भूल गए.
- स्वाइन-फ्लू में कैसे हो इलू-इलू...
- बिहार की आँखों में पानी........
- बाँध टूट गया- अविनाश बाबू का हृदयाघात से निधन..
- केनेडी और उसकी बेटी की मौत खुदीराम बोस से कैसे हो ...
- भगत सिंह और साथियों की लाशों के टुकडों का क्या हुआ...
- राखी सावंत कुंवारी माँ बनेगीं...
- जनता को समझिये..क्योंकि जनता आपको समझ चुकी है...
- सरदार भगतसिंह और साथियों की लाशें कैसे जलाई गयी-(1...
- "अंग्रेजों भारत आओ" वाली कांग्रेस...
- "माँ के बलात्कारी को बाप कहने की फितरत नहीं है हमा...
- भगतसिंह और साथियों को फांसी कैसे दी गयी??
- नाराजगी तो है तुम्हारे प्रेम-पत्र से......
- मेरा प्रेम पत्र पढ़कर........
- "मायावी" राजनीति से उत्तर प्रदेश को खतरा...
- भगतसिंह और साथियों की फांसी के बाद प्रमुख अख़बारों...
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- जॉर्ज बुझे हुए कारतूस हैं....
- पाक के दोगले चरित्र से भारत को सावधान रहना है..
- तुस्टीकरण बनाम विकास
- रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनायें
- भगत सिंह की फांसी के बाद महात्मा गांधी का वक्तव्य....
- संबंधों की दीवार 'सीमेंट' से नहीं 'संवेदनाओं' जुड़...
- ना कर सको तो मत करो, मगर इस प्रेम की परिभाषा मत बद...
- राखी का स्वयंवर हो गया, अब हनीमून देखिये..
- हाय महंगाई!!!!
- सुखदेव के पत्र पर महात्मा गाँधी का जवाब....
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- संजय पासवान के मुहँ में राम और बगल में राम...
- गाँधी का 'हे राम!' और अम्बेडकर का 'हाय राम'..
- ग़ज़ल: हम भी छुपायें दुनिया से,आप हमें वो राज तो द...
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-Vijayendra, Group Editor, Swaraj T.V.
नयी बात...
ब्लॉग को तो जानता था, लेकिन ब्लॉग का इतिहास पहली बार पता चला है...
दस वर्षीय ब्लॉग को मेरी भी शुभकामनाएं..
और साथ ही लेखों का शतक पूरा होने पर आपके 'निर्माण संवाद' को भी हार्दिक बधाई.....
आपसे 'शतकों के शतक' की अपेक्षा है..
मेरी शुभकामनाऐं भी पहुँचें.
nirman samvad ne kai sawalon ko janm diya.......
blog jagat mein apni sakriya bhagedari se bauddhik jagat mein thodi halchalein to paida ki hi hain....
aap likhte rahein...bolte rahein,
nakkarkhane me tuti ki awaj bhi suni jayegi...
shubhkamnayein........
समर्थन और शुभकामना के लिए धन्यवाद.
'निर्माण संवाद', सृजन के अपने प्रयास में लगा रहेगा..
और इस प्रयास में सभी सुधी पाठकों का सहयोग अपेक्षित है...