फांसी के कुछ दिन पहले सरदार भगत सिंह और उनके साथियों ने दया प्रार्थना के लिए इनकार करते हुए पंजाब गवर्नर को लिखा था- "अंत में हम केवल यह कहना चाहते हैं कि आपकी अदालत के फैसले के अनुसार हम सम्राट के विरुद्ध युद्ध करने का अभियोग लगाया गया है और इस प्रकार हम युद्ध के शाही कैदी हैं. अतएव हमें फंसी पर न लटका कर गोली से उदय जाना चाहिए. इसका निर्णय अब आपके ही ऊपर है कि जो कुछ अदालत ने निर्णय किया है इसके अनुसार आप कार्य करेंगे या नहीं. हमारी आपसे विनम्र प्रार्थना है और हमें पूर्ण आशा है कि आप कृपा कर फौजी महकमे को आज्ञा देकर हमारे प्राण-दंड के लिए एक फौज या पलटन के कुछ जवान बुलवा लेंगे."
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-प्रस्तुति- Swaraj T.V. Desk
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