हम हर वर्ष अंपनी आज़ादी का जश्न मनाते है और गर्व से कहते है "वी आर इंडियन एंड प्राउड टु बी एन इंडियन" लेकिन क्या सच में हम आजाद है? क्या सच में हमे गर्व है? क्या सच मे हम अपने देश को गौरवशाली बनाने के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रहे है?
मानते है, हमारा देश सच मे प्रगति की दिशा मे है, पर क्या ये सही है की हम सिर्फ़ अपनी उन्नतियों को देख कर खुश होते रहे और जो गलतियाँ या असफलताएं है, उन्हें दूसरो पर छोड़ दें. नही हमे अपनी गलती को आज और अभी से देखना और सुधारना होगा. देश तो आजाद है पर हमे उस आज़ादी को बरक़रार रखने के लिए एक होकर अग्रसर होना होगा. आज हम अपनी स्वतंत्रता को मनाने का नया ढंग अपनाएं. हर व्यक्ति अगर अपनी कमाई का १/६ हिस्सा भी देश के गरीबों की समस्या के समाधान में लगाये, तो समस्या अपने आप हल हो सकती है.
अगर हर इंसान अपने अलावा उन गरीबो के बारे मे सोचे, जिन्हें एक पल की रोटी भी मुश्किल से नसीब होती है, तो हम अपने देश को गरीबी से भी स्वतंत्र करा सकते है.
यह सहायता उनके बच्चों को पढ़ा कर भी की जा सकती है,या फिर अन्य तरीकों से..
स्वतंत्रता के कई मायने हैं...आप किस मायने में इसे जीना चाहते हैं..ये फैसला आप का होगा.
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें..
-Ashi
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very true bt only a fraction of poeple realise this so we all need to look this issue seriously any truely work towards makind our country independent from poverty...
jai hind
बिल्कुल सत्य कहा आपने. क्या यही आज़ाद भारत है ?सोचनीय प्रश्न बन गया है.आज जहाँ वर्ग समुदाय आपस मे बिना वजह लड़ रहे है,देश पर आतंक का साया मँडरा रहा है,ग़रीब बच्चे चाहकर भी उँची उड़ान का ख्वाब नही देख सकते और जहाँ आज भी लड़किया घरों मे क़ैद सी रहती है.
विचारणीय पोस्ट लिखी है।
आपको भी स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें..
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ। जय श्री कृष्ण!!
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