ना मालूम कोई ऐसा
भी होता होगा,
जो हर किसी के दर्द
में रोता होगा.
आँख भरती होगी,
हर ख़ुशी पर उसकी,
औरों की आँखों में
जो सोता होगा.
होगा कोई तो, जो
दुनिया से जुदा होगा.
इंसानों की दुनिया में
कोई तो खुदा होगा.
वो, जिसके हर लफ्ज
में बजता सितार हो,
वो, जिसके कदमों में
जहाँ की बहार हो,
जिसके हर अंदाज़ में
बस, प्यार-प्यार हो,
सारा जहां जिसकी
खातिर खुमार हो...
कोई तो मेरे ख्वाब
सा खुशनुमा होगा,
खुशियों की जो जमीं
और आसमां होगा,
'संघर्ष' मेरे दर्द में
कोई तो रोता होगा..
ना मालूम कोई ऐसा
भी होता होगा..
By-
Amit Tiwari 'Sangharsh', Swaraj T.V.
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बहुत बढ़िया.
कोई तो जरुर होगा ...आमीन ..!!
KAVITA UMEED SE DUGNA H.
SATIK AUR SARAL H.
DIL KO CHHUNE WALI H.
LAGTA H AAPKE BAAG MEIN MALI H.
WRITER'S NAME WAS NOT MENTIONED.
PLZ LET ME KNOW YOUR NAME
RAMESH SACHDEVA
hpsdabwali07@gmail.com
बहुत ही बेहतरीन .....
आचार्य रमेश जी,
उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद्..
यह मेरा ही प्रयास है.
आप सबके आशीष का प्रार्थी रहूँगा..
अच्छी कविता कर लेते हो.........
लगे रहो........
आशीष तो मिलता ही रहेगा....