कौम के खादिम की है,
जागीर वन्दे मातरम्,
मुल्क के है वास्ते
अकसीर वन्दे मातरम्.
जालिमों को है उधर,
बन्दूक अपनी पे गुरूर,
है इधर हम बेकसों का,
तीर वन्दे मातरम्.
कत्ल कर हमको न
कातिल, तू हमारे खून से,
तेग पर हो जायेगा,
तहरीर वन्दे मातरम्.
फ़िक्र क्या जल्लाद ने गर,
कत्ल कर बांधी कमर,
रोक देगा जोर से,
शमशीर वन्दे मातरम्
जुल्म से गर कर दिया,
खामोश मुझको देखना,
बोल उठ्ठेगी मेरी
तस्वीर, वन्दे मातरम्.
सरजमीं इंग्लैंड की, हिल
जायेगी दो रोज में,
गर दिखाएगी कभी,
तासीर वन्दे मातरम्.
संतरी भी मुज्तरिब है,
जब कि हर झंकार में,
बोलती है जेल में,
जंजीर वन्दे मातरम्.
-Vishwnath sharma
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Excellant.
हमारे आदरणीय जेर्नलिस्ट भाई के ब्लॉग पर वंदे मातरम सुशोभित होता देखकर आश्चर्या होता है शायद आपको पता नही इससे आप लोगो के सदेव प्रिय मुस्लिम भाई लोग नाराज़ हो जाएँगे और आप ही के चहेते मुलायम , लालू , अमर, उमर सोनिया, अर्जुन आदि खफा हो जाएँगे