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पुनर्जन्‍म

Posted by AMIT TIWARI 'Sangharsh' On 10/05/2010 04:37:00 pm


''बहुत हुई यह शल्यचिकित्सा कटे हुए अंगों की,
कब तक यूँ तस्वीर संवारें बदरंगी रंगों की.
बीत गया संवाद-समय, अब करना होगा कर्म;
नए समय की नयी जरूरत है ये पुनर्जन्म''
अब समय मात्र संवाद का नहीं रहा.. समय परिवर्तन का है, परिणामोत्पादक
प्रक्रिया का है, परिणाम का है, पुनर्जन्म का है..
'पुनर्जन्म' हर मर चुकी व्यवस्था का, समाज की शेष हो चुकी रूढ़ियों का,
बजबजाती राजनीति का..
बहुत से शेष प्रश्नों को सामने रखने और उन्हें एक तार्किक परिणति तक
पहुँचाने का एक प्रयास...



प्रयास है ये जानने का कि हम हैं कौन?
यही वह प्रश्न है जिसका उत्तर किसी को नहीं पता..
और आश्चर्य कि कोई जानने का प्रयास भी करता नहीं दिखता..
हर परिचय मृत है.. जो भी लिखेंगे खुद के विषय में वो सब भी उधार का ही तो होगा..
वही होगा जो लोग कहते हैं.. जो लोगों ने ही बनाया है..
सच में क्या है वो तो नहीं ही पता है..
पद है तो वही जो दुनिया से मिला है..
प्रतिष्ठा है वही जो सबने दी है..
और रही बात भूमिका की,
तो भूमिकाएं तलाश रहे हैं अपने हिस्से की..
प्रयास है कि समाज-यज्ञ में अपनी कुछ समिधा लगा सकें..
'पुनर्जन्म' हमारे हिस्से की समिधा का ही एक रूप है..
इसके माध्यम से प्रयास है कि समाज के सुलगते सवालों पर
अपनी और शेष समाज की नज़र को एक मंच दे सकें..
सभी का सहयोग सादर संप्रार्थित है.

visit-

-अमित तिवारी
समाचार संपादक
निर्माण संवाद
(तस्‍वीर गूगल सर्च से साभार)

1 Response to "पुनर्जन्‍म"

  1. ब्लॉग जगत में पहली बार एक ऐसा सामुदायिक ब्लॉग जो भारत के स्वाभिमान और हिन्दू स्वाभिमान को संकल्पित है, जो देशभक्त मुसलमानों का सम्मान करता है, पर बाबर और लादेन द्वारा रचित इस्लाम की हिंसा का खुलकर विरोध करता है. जो धर्मनिरपेक्षता के नाम पर कायरता दिखाने वाले हिन्दुओ का भी विरोध करता है.
    इस ब्लॉग पर आने से हिंदुत्व का विरोध करने वाले कट्टर मुसलमान और धर्मनिरपेक्ष { कायर} हिन्दू भी परहेज करे.
    समय मिले तो इस ब्लॉग को देखकर अपने विचार अवश्य दे
    .
    देशभक्त हिन्दू ब्लोगरो का पहला साझा मंच - हल्ला बोल
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पाश ने कहा है कि -'इस दौर की सबसे बड़ी त्रासदी होगी, सपनों का मर जाना। यह पीढ़ी सपने देखना छोड़ रही है। एक याचक की छवि बनती दिखती है। स्‍वमेव-मृगेन्‍द्रता का भाव खत्‍म हो चुका है।'
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