tag:blogger.com,1999:blog-6531144883917135116.post4381251578481882178..comments2023-10-08T13:12:34.448+05:30Comments on निर्माण संवाद: ऐसा क्या गुनाह किया कि लुट गए....AMIT TIWARI 'Sangharsh'http://www.blogger.com/profile/02434626500087289753noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-6531144883917135116.post-85028106972921539442009-08-23T20:41:52.898+05:302009-08-23T20:41:52.898+05:30विजयेन्द्र जी, आपके विचारों से पूरी तरह सहमत हूँ. ...विजयेन्द्र जी, आपके विचारों से पूरी तरह सहमत हूँ. जातिमूलक समाज घृणा और शोषण के सिवाय कुछ नहीं दे सकता परन्तु जब भारत में धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिन्दूवाद और हिन्दुओं का विरोध, अपमान और अल्पसंख्यक (इसे मुसलमान पढें) तुष्टिकरण देखता हूँ तो अपने आप ही विचारधारा उग्र हिंदुत्व की और मुड जाती है. मैं समाज में समरसता का पक्षधर हूँ लेकिन मनमोहन की इस टिप्पणी से कतई सहमत नहीं कि "देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलामानों का है." कम्यूनिज्म दर्शन के रूप में अत्यंत आकर्षक है परन्तु हमारे देश के कम्यूनिस्ट उसका व्यवहार जिस रूप में करते हैं उससे अत्यंत घृणा है. राष्ट्रवाद और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद में विश्वाश रखता हूँ. यदि इस देश में रहकर किसी को इस देश के कानून, संस्कृति, राष्ट्रीय प्रतीकों, राष्ट्रगान, राष्ट्रीय गीत पर ऐतराज है और वह अपने धर्म को राष्ट्र से ऊपर तरजीह देता है तो मैं कहता हूँ कि उसके लिए इस देश में कोई जगह नहीं होनी चाहिए. वह फिर चाहे मैं हूँ, आप हों या कोई और.........निशाचरhttps://www.blogger.com/profile/17104308070205816400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6531144883917135116.post-3772198039309689042009-08-23T20:28:16.953+05:302009-08-23T20:28:16.953+05:30ek saarthak post..........ek saarthak post..........ओम आर्यhttps://www.blogger.com/profile/05608555899968867999noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6531144883917135116.post-25667704778475096272009-08-23T20:01:27.569+05:302009-08-23T20:01:27.569+05:30'हिन्दू एक है' का भाव क्यों नहीं झलकता?
...'हिन्दू एक है' का भाव क्यों नहीं झलकता?<br /><br /><br />बिल्कुल सही कहा है आपने. हिन्दू धर्म की सबसे बडी कमी जातिगत भेदभाव है. एक ही धर्म का होते हुए भी कोई व्यक्ति अछूत कैसे हो सकता है<br />? वो तो हमारा भाई हुआ ना? <br /><br />अतीत में जो हुआ सो हुआ. अब गल्ती सुधारने का समय आ गया है. समय के साथ हर धर्म में कमियाँ आ जाती है एक रोग की तरह पर रोग का इलाज यदि हो जाए तो शरीर फिर से स्वस्थ हो सकता है. मन्दिरों में पुजारी क्यों न दलित भाइयों में से चुने जाएँ? उन्हे यदि इस तरह के आदर सम्मान मिलेंगे तो कटुता अवश्य दूर होगी. और यही समय की माँग है.Meenu Kharehttps://www.blogger.com/profile/12551759946025269086noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6531144883917135116.post-84961347611056828792009-08-23T19:52:00.228+05:302009-08-23T19:52:00.228+05:30धन्यवाद निधि जी
कम से कम आप मन्त्र का जाप करने के...धन्यवाद निधि जी <br />कम से कम आप मन्त्र का जाप करने के लिए तैयार तो हैं, इस भूत के खिलाफ....<br />लेकिन इस बौद्धिक जमात का क्या हो, जो स्वीकारने को भी तैयार नहीं है इस सच को?AMIT TIWARI 'Sangharsh'https://www.blogger.com/profile/02434626500087289753noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6531144883917135116.post-20654293420612063152009-08-23T19:50:02.592+05:302009-08-23T19:50:02.592+05:30This comment has been removed by the author.Nirman Samvadhttps://www.blogger.com/profile/10075034011424474524noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6531144883917135116.post-86626397141390082262009-08-23T19:07:48.990+05:302009-08-23T19:07:48.990+05:30सच तो है कि आखिर जब हर परम्परागत पेशे को ये बहुराष...सच तो है कि आखिर जब हर परम्परागत पेशे को ये बहुराष्ट्रीय कम्पनियां ही करने लगेंगी, तो फिर उस पेशे से जुदा हुआ वर्ग कहाँ जायेगा?<br />विचारनीय प्रश्न है......<br />कोई मन्त्र मिल जाए तो बताइयेगा, इस भूत को भगाने के लिए... <br />मैं भी जाप कर लूंगी, आप लोंगो के साथ.....Nidhi Sharmahttps://www.blogger.com/profile/06059584241732960752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6531144883917135116.post-62734178532741383142009-08-23T18:54:14.891+05:302009-08-23T18:54:14.891+05:30sahi baat.......
jawab bhi itna sajaa kar dete ho....sahi baat.......<br />jawab bhi itna sajaa kar dete ho...!<br />ab pata lag raha hai ki apke lekh par vivad ka kaaran kya raha hai...<br />itni bebaki bhi thik nahi hai.....Unknownhttps://www.blogger.com/profile/01501861147439807936noreply@blogger.com