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क्या होगा--(1)???

Posted by AMIT TIWARI 'Sangharsh' On 7/22/2009 03:06:00 pm


यूं ही अचानक बैठे-बैठे मन में एक प्रश्न उठ रहा है, क्या होगा?
प्रश्न जितना छोटा है, उतना ही बड़ा इसका आयाम है. इस प्रश्न में घर, समाज, देश, दुनिया सब समाहित हो जाता है.
किस्से की शुरुआत होती है 'पाकीजा' से, एक साधारण परिवार की सुन्दर लड़की. और कभी-कभी तो लगता है कि ये जो दो शब्द हैं, 'साधारण' और 'सुन्दर' यही उसके जीवन के सबसे बुरे शब्द हैं, क्यूंकि आज की दुनिया में 'साधारण' परिवार की लड़की का 'सुन्दर' होना ही सबसे बड़ा अभिशाप है. पाकीजा इस अभिशाप से कैसे बच सकती थी? इसी का कारन था कि पाकीजा जैसे ही अपने घर से बाहर निकलती, तमाम गन्दी नज़रें उसका पीछा करना शुरू कर देतीं. फिर दूर-दूर तक, चेहरे बदलते,गर्दनें बदलतीं, मगर नज़रें नहीं बदलतीं.! ये नज़रें तब तक उसका पीछा करती थी जब तक कि वो फिर से घूमकर वापस घर की चारदीवारी में आकर बंद ना हो जाती.
एक दिन पाकीजा ने एक गंभीर कदम उठा ही लिया, उसने अपने ही हाथों तेजाब से अपना चेहरा जला लिया. उसने सोचा कि अब वो सुंदर नहीं रहेगी, तो नज़रें उसका पीछा भी नहीं करेंगी.
मगर अफ़सोस ऐसा कुछ नहीं हुआ, नज़रों ने उसका पीछा करना नहीं छोडा, क्यूंकि वो अभी भी एक लड़की है. हाँ एक नयी बात जरूर हो गयी है कि अब कुछ हाथ भी सहानुभूति के नाम पर उसकी ओर बढ़ने लगे.
अब मैं ये सोच रहा हूँ, कि बचपन में नैतिक शिक्षा की किताब में पढाई जाने वाली बड़ी-बड़ी नैतिकता की बातों का क्या होगा?
मनुष्य और मानवता जैसी अवधारनाओं का क्या होगा?
और सबसे बड़ा प्रश्न ये है कि 'पाकीजा' का अगला कदम क्या होगा?
क्या वो खुद को मार लेगी?
और क्या उसके मर जाने से किस्सा ख़त्म हो जायेगा?
कभी नहीं!!!
क्यूंकि ये किस्सा किसी एक 'पाकीजा' का नहीं है!! ये किस्सा उन सभी पाकीजाओं का है जिनके पाक दामन पर हर रोज गन्दी नज़रों के छींटे पड़ते रहते हैं और हर रोज एक छोटा सा प्रश्न खडा करते हैं- "क्या होगा??"
जारी......
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1 Response to "क्या होगा--(1)???"

  1. mansha Said,

    yeh kahani ko padne k baad mujhe aisa laga k duniya me abhi bhee aise log hain jo ek ladki k baarey me aisa sochte hain,itna accha sochte hain..mujhe yeh kahani pad k boht hi jyaada accha laga,specially likhne wale ne kya likha hai,apne shabdon se to usney is kahaani ko kya roop diya hai

     


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